Hathras incident : उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा की चरणों की रज लेने के लिए भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग अब भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच पहली बार इस मामले को लेकर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का बयान सामने आया है। भोले बाबा ने अपने वकील के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और परमात्मा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
हादसे पर क्या बोला भोला बाबा उर्फ नारायण साकार हरि?
भोले बाबा ने घटना को लेकर अपना दुख जताया और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील दो आप सिंह को असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है और भोले बाबा ने कहा मैं 2 जुलाई को गांव फुलारी,सिकंदराराऊ, हाथरस आयोजित सत्संग से काफी समय पहले ही निकल चुका था।
80 हजार की परमिशन लेकिन जुटे लाखों लोग
हाथरस भगदड़ मामले में यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। आरोप है कि इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के आने की अनुमति थी, लेकिन ढाई लाख लोगों को जुटाया गया। हालांकि, FIR में भोले बाबा का नाम दर्ज नहीं है। FIR में आरोप लगाया गया है कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की असल संख्या छिपाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट में मदद नहीं की और भगदड़ के बाद सबूत छिपाए।
FIR के मुताबिक मोके पर क्या हुआ
FIR के मुताबिक भगदड़ तब मची जब दोपहर 2 बजे भोले बाबा अपनी गाड़ी से वहां से निकल रहे थे जहां-जहां से गाड़ी गुजर रही थी वहां वहां से उनके अनुयाई बाबा के चरणों की रज उठाने लगे। देखते ही देखते लाखों की भीड़ बेकाबू हो गई और नीचे बैठे, झुके भक्तों को कुचलने लगी और चीज-पुकार मच गई। FIR मैं कहां गया है कि दूसरी तरफ लगभग 3 फीट गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने लाठी डंडों से रोक दिया जिसके कारण भीड़ बढ़ती गई और महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग कुचलते गए।